मारुति की ‘या’ सस्ती 7-सीटर कार की देश में भारी डिमांड; लाईन में 60 हजार से ज्यादा लोग, माइलेज 26 किमी
मारुति की 'या' सस्ती 7-सीटर कार की देश में भारी डिमांड; कतार में 60 हजार से ज्यादा लोग, माइलेज 26 किमी
नई दिल्ली : देश में आम कार खरीदार की पहली पसंद मारुति सुजुकी की गाड़ियां हैं। इसका कारण कम रखरखाव, अच्छा माइलेज और किफायती कीमत है
भारतीय ऑटो बाजार की सबसे बड़ी पहचान सस्ती कीमतों पर शानदार कारों का उत्पादन है। इसमें देश की प्रमुख ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी की कारें देशभर में काफी लोकप्रिय हैं। ग्राहक कार खरीदते समय मारुति की गाड़ियों को प्राथमिकता देते नजर आते हैं।
देश में आम कार खरीदार की पहली पसंद मारुति सुजुकी की गाड़ियां हैं। इसका कारण कम रखरखाव, अच्छा माइलेज और किफायती कीमत है। यही कारण है कि मारुति की गाड़ियाँ भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की सूची में हमेशा शीर्ष पर रही हैं।
अब मई का महीना शुरू हो चुका है और मारुति सुजुकी के पास एक बड़ा ऑर्डर पेंडिंग है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मारुति सुजुकी के पास करीब 200,000 यूनिट्स का ऑर्डर पेंडिंग है।
इन लंबित ऑर्डरों में कंपनी की सात सीटर कार अर्टिगा की अहम हिस्सेदारी है। मिली जानकारी के मुताबिक मारुति अर्टिगा के करीब 60,000 ऑर्डर पेंडिंग हैं। सीएनजी वाहनों के लिए कुल लंबित ऑर्डर 1,10,000 यूनिट है।
कंपनी ने आश्वासन दिया है कि मानेसर संयंत्र में 100,000 इकाइयों की अतिरिक्त क्षमता वाली नई असेंबली लाइन का उपयोग मुख्य रूप से अर्टिगा की मांग को पूरा करने के लिए किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025 में 600,000 सीएनजी कारें बेचने का है, जिसमें अर्टिगा का महत्वपूर्ण योगदान होगा। कंपनी के मुताबिक, अर्टिगा सीएनजी की मांग काफी बढ़ रही है।
अर्टिगा सीएनजी ( Ertiga CNG ) की बिक्री बढ़ी
कंपनी के मुताबिक, 2024 में अर्टिगा की कुल बिक्री 10 लाख यूनिट को पार कर जाएगी। इसके बड़ी संख्या में सीएनजी वेरिएंट हैं। 2019 तक इस एमपीवी की 5 लाख यूनिट्स बिक चुकी थीं। दिलचस्प बात यह है कि सीएनजी वेरिएंट फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था।
इसी साल 12 महीनों में अर्टिगा की बिक्री 6 लाख यूनिट तक पहुंच गई। एमपीवी को पहली 5 लाख यूनिट की बिक्री के आंकड़े तक पहुंचने में 7 साल से अधिक का समय लगा, लेकिन सीएनजी संस्करण की भारी मांग के कारण अगले 5 लाख यूनिट तक पहुंचने में केवल 4 साल लगे।